किसी ने क्या खूब कहा है कि यदि कोई इंसान सच्चे दिल से मेहनत करता है तो भगवान उसे एक ना एक दिन उसकी मेहनत का फल जरुर ही देते हैं, फिर चाहे कार्य कितना भी कठिन क्यों न हो. आज के इस ख़ास पोस्ट में हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति की सच्ची कहानी बता रहे हैं, जिसने कईं सालों के संघर्ष और लगन के बाद आख़िरकार अपने डॉक्टर बनने के सपने को सच कर दिखाया है. इतना ही नहीं बल्कि यह डॉक्टर अब सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं. इसके बाद सब चीज़ों को पीछे छोड़कर पिता की ख्वाहिश पूरी की और अब आईपीएस अफसर बन कर देश की सेवा कर रहे हैं. जी हाँ, यह शख्स कोई और नहीं बल्कि डॉ. सचिन कुमार सिंघल हैं. आईये जानते हैं इनके पहले डॉक्टर और फिर आईपीएस अफ़सर बनने का सफ़र कैसा रहा.
पत्नी भी हैं पेशे से डॉक्टर
बता दें कि डॉ. सचिन के पिता अनिल सिंघल का प्लास्टिक दाने का बिजनेस है जबकि उनकी माँ एक आम गृहणी हैं. डॉ. सचिन के इलावा उनके घर में दो बहने हैं जो कि उनसे उम्र में छोटी हैं. एक की उन्होंने शादी करवा दी है जबकि दूसरी अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रही है. वहीँ इनकी पत्नी की बात की जाए तो डॉ. उर्वी अग्रवाल पैथोलॉजी की डॉक्टर हैं. यह पूरा परोवार हरियाणा जिले के खरकोदा गाँव से ताल्लुक रखता है लेकिन पिछले कईं सालों से दिल्ली में ही बसा हुआ है.
पिता के लिए चुनी IPS की लाइन
सचिन के पिता अनिल हमेशा से बेटे को सिविल सर्विसेज का हिस्सा बनते देखना चाहते थे. ऐसे में जब सचिन डॉक्टर बने तो उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी की परवाह ना करते हुए यूपीएससी की तयारी की. इसके लिए उन्होंने साल 2013 में पहली परीक्षा दी थी जिसमे उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. दो साल बाद वह इंटरव्यू लेवल तक पहुँच गये लेकिन इससे आगे नहीं पहुँच पाए. आख़िरकार 2016 में उन्होंने एक बार फिर से परीक्षा दी और साल 2017 में वह 193वें रैंक के साथ IPS बन कर उभरे. अब वह दिल्ली में DCP सिक्यूरिटी की कुर्सी संभाल रहे हैं.