आजकल के बदलते खान-पान और बढ़ती आयु के साथ-साथ बीमारियाँ भी रफ़्तार से बढ़ रही हैं। अगर 10-12 साल पहले के जमाने को याद किया जाए तो पहले की अपेक्षा बीमारियाँ बहुत बढ़ गयी हैं। आजकल हर दूसरे बुजुर्ग में हड्डियों की समस्याएँ देखी जाती थी, जिनमें घुटनों व कमर दर्द आम बात हैं।
हरियाणवी भाषा में कहते हैं की गोड़ों का ग्रीस खत्म हो गया हैं
हमारी देसी भाषा में बुजुर्ग इस समस्या को ग्रीस खत्म होना कहते हैं। जोकी सही भी हैं बढ़ती उम्र के साथ-साथ घुटनों में से एक एसिड खत्म हो जाता है, जिसका नाम हायल्यूरोनिक एसिड हैं, जोकी घुटनों में ग्रीस का काम करता हैं। संसार क्रांति टीम ने रोहतक में डिवाइन हॉस्पिटल के डॉक्टर आर. पी. खत्री (MBBS, MD, MIMA) से बातचीत की और इसके बारे में गहनता से जाना।
डॉक्टर R.P Khatri ने बताया बढ़ती उम्र के साथ-साथ घुटनों में हायल्यूरोनिक एसिड बनना बंद हो जाता हैं। हायल्यूरोनिक एसिड ना बनने के कारण घुटनों में दर्द व लँगड़ापन तक आ जाता है। डॉक्टर खत्री ने बताया की कई बार ऐसा देखा गया हैं की मरीज बाथरूम तक भी चल-फिर नहीं पाता हैं।
इसका इलाज क्या हैं
डॉक्टर खत्री ने बताया की इस आधुनिक युग में इसका इलाज भी सम्भव हैं वो भी बिना ऑपरेशन के। रोहतक में स्थित डिवाइन हॉस्पिटल 7357440000 में कई मरीज़ों ने घुटनों व कमर के दर्द से हमेशा के लिए निजात पाया हैं। उन्होंने बताया की जिन लोगों को डाक्टरों ने ये तक कह दिया था कि आप अब बिना आपरेशन के ठीक तरीके से नहीं चल पाओगे, उन सब लोगों को बिना आपरेशन डॉक्टर खत्री ने ठीक कर दिया है।
डॉक्टर खत्री के 10 वर्ष से ज़्यादा के अनुभव से इन्होंने हड्डियों और मसक्यूलोस्केलेटल सिस्टम के इलाज का एक बेहतर तरीका बनाया है जो दवाइयों, कसरत, खान-पान में बदलाव और रहन-सहन पर आधारित है। यह इलाज मानव शरीर और उसकी क्षमताओं के बेहतर समझ पर आधारित है।